Bhanumati Mahabharata Story
भानुमति की महाभारत कथा: हमारी संस्कृति में कई मुहावरे और कहावतें हैं, जो सुनने में सरल लगती हैं, लेकिन उनके पीछे गहरी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कहानियाँ छिपी होती हैं। जैसे कि 'कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा' यह कहावत बहुत प्रचलित है। इसका उपयोग लोग अक्सर करते हैं, लेकिन इसके पीछे की कहानी महाभारत की पात्र भानुमति से जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं भानुमति कौन थी।
भानुमति काम्बोज देश के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। वह अद्वितीय सुंदरता, आकर्षण और बुद्धिमत्ता की प्रतीक मानी जाती थी। उसकी शारीरिक शक्ति भी अद्वितीय थी। उसकी सुंदरता और वीरता के किस्से दूर-दूर तक फैले हुए थे, जिसके कारण उसके स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र और कर्ण जैसे महान योद्धा शामिल हुए थे। दुर्योधन भी उनमें से एक था, जो चाहता था कि भानुमति उसे अपना पति चुने।
भानुमति का स्वयंवर और दुर्योधन का क्रोध स्वयंवर के दिन का घटनाक्रम
जब भानुमति वरमाला लेकर सभा में आई और एक-एक राजा के पास से गुजरी, तो दुर्योधन को उम्मीद थी कि वह उसे माला पहनाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और भानुमति उसके सामने से आगे बढ़ गई। यह अपमान दुर्योधन सहन नहीं कर सका। उसने क्रोधित होकर भानुमति के हाथ से माला छीन ली और खुद ही उसे अपने गले में डाल लिया। इस पर दरबार में हलचल मच गई और उपस्थित राजाओं ने तलवारें खींच लीं। दुर्योधन ने तुरंत भानुमति का हाथ पकड़कर बाहर की ओर ले जाते हुए सबको चुनौती दी कि पहले उसके मित्र कर्ण को परास्त करो, तभी भानुमति को छीनने की सोचो।
कर्ण का पराक्रम और दुर्योधन का विवाह कर्ण की विजय
कर्ण ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपने साहस से अधिकांश राजाओं को पराजित कर दिया। जरासंध के साथ उसका युद्ध लंबा चला, लेकिन अंततः कर्ण ने विजय प्राप्त की। इस प्रकार, दुर्योधन ने कर्ण की शक्ति के बल पर भानुमति को हरण कर लिया और उसे हस्तिनापुर ले आया। जब इस विवाह पर सवाल उठे, तो दुर्योधन ने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए इसे उचित ठहराया कि उन्होंने भी अपने भाइयों के लिए अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का हरण किया था। अंततः भानुमति ने इस स्थिति को स्वीकार कर लिया और दुर्योधन की पत्नी बन गई।
दुर्योधन और भानुमति का पारिवारिक जीवन पारिवारिक जीवन की जटिलताएँ
विवाह के बाद भानुमति और दुर्योधन के दो संतान हुए। पुत्र लक्ष्मण महाभारत युद्ध में अभिमन्यु के हाथों मारा गया, जबकि पुत्री लक्ष्मणा का विवाह कृष्ण के पुत्र साम्ब के साथ हुआ। यहां भी घटनाएँ उलझनों से भरी रहीं। लक्ष्मणा को साम्ब भगा ले गया और अंततः उसी से उसका विवाह हुआ। दूसरी ओर, बलराम चाहते थे कि उनकी पुत्री वत्सला की शादी दुर्योधन के बेटे लक्ष्मण से हो। लेकिन वत्सला और अभिमन्यु एक-दूसरे से प्रेम करते थे, और घटोत्कच की चालाकी से लक्ष्मण विवाह से पीछे हट गया। बाद में वही लक्ष्मण कुरुक्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हुआ।
भानुमति और कर्ण की मित्रता दोस्ती का अनोखा रिश्ता
भानुमति और कर्ण की मित्रता का उल्लेख इतिहास और लोककथाओं में मिलता है। दोनों के बीच आपसी सम्मान और विश्वास का रिश्ता था। एक बार जब वे शतरंज खेल रहे थे, कर्ण जीत रहा था। तभी भानुमति ने दुर्योधन को आते देखा और उठने लगी। कर्ण ने मज़ाक में उसका हाथ पकड़कर बैठाना चाहा, लेकिन उसकी मोतियों की माला टूट गई और सारे मोती ज़मीन पर बिखर गए। दुर्योधन ने सहज भाव से कहा कि 'मोतियों को यूं ही बिखरे रहने दोगे या मैं भी इन्हें समेटने में मदद करूं?' यह घटना दुर्योधन के कर्ण पर अटूट विश्वास को दर्शाती है।
कहावत की उत्पत्ति कहावत का अर्थ
गंधारी ने महाभारत के सती पर्व में भानुमति का वर्णन किया है और बताया है कि वह इतनी बलवान थी कि दुर्योधन के साथ खेल-खेल में कुश्ती करती थी और कई बार उसे हरा भी देती थी। यह बात भानुमति के असाधारण व्यक्तित्व को और भी उजागर करती है। कई लोककथाओं में यह भी सुनने को मिलता है कि दुर्योधन और लक्ष्मण की मृत्यु के बाद भानुमति ने पांडवों में से अर्जुन से विवाह कर लिया था। हालांकि यह प्रसंग महाभारत के प्रमाणिक ग्रंथों में नहीं मिलता, लेकिन लोकश्रुति में यह कथा पीढ़ियों से सुनाई जाती रही है। 'भानुमति ने कुनबा जोड़ा' केवल एक साधारण कहावत नहीं, बल्कि महाभारत काल की उन उलझनों, विसंगतियों और मजबूरियों का प्रतीक है, जो एक स्त्री के जीवन में आकर उसे टूटे मोतियों की माला की तरह बिखेर देती हैं। भानुमति ने जबरन विवाह सहा, अपने बच्चों की त्रासदी झेली और रिश्तों की जटिलताओं से गुज़री। यही कारण है कि उसके जीवन की घटनाओं ने इस कहावत को जन्म दिया और यह आज भी हमारी भाषा में जीवित है।
You may also like
Lakshmi Vastu Tips : बर्बादी से बचना है तो घर में कभी न रखें ये चीजें, मां लक्ष्मी रहेंगी खुश
Multibagger Stocks : दशहरा पर निवेशकों की किस्मत चमकी, इन स्टॉक्स ने बाज़ार में मचाया तहलका
IND vs AUS: शमी, सिराज की वापसी, रोहित कप्तान, नितीश रेड्डी को मौका, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI सीरीज के लिए 16 सदस्यीय भारतीय टीम
Minor Heart Attack: क्या है माइनर हार्ट अटैक? इसके लक्षण क्या हैं? जानें यहाँ
हिमाचल को केंद्र सरकार की सौगात, कोटखाई और पांवटा साहिब में खुलेंगे केंद्रीय विद्यालय